Thursday 27 September 2012

एफ.डी.आई के खिलाफ कन्फैडरेशन ने व्यापाक राष्ट्रीय आन्दोलन की घोषणा


रिटेल व्यापार में एफ.डी.आई. को अनुमति देने के विरोध में देश के लगभग 20 राज्यों के व्यापारी नेताओं ने आज नई दिल्ली में जन्तर-मन्तर पर एक धरने में विरोध प्रदर्शन करते हुए अपने मुँह के ऊपर काली पट्टीयां बांध रखी थी और अपने हाथों को जंजीरों से बांधकर ताला लगया हुआ था। जिससे यह संदेश दिया गया कि बहुराष्ट्रीय कम्पनियों के आने के बाद भारत का रिटेल व्यापार उनका बंधक बन जाएगा और वो अपना एकाधिकार जमाते हुए रिटेल व्यापार पर कब्जा़ करेंगे। धरने का आयोजन कन्फैडरेशन आफ आल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) ने किया। धरने पर ही एक अलग परिदृश्य में झाँकी के रूप में सरकार को वैंटीलेटर पर लैंटे हुए दिखाया गया जो रिटेल व्यापार का खून चूस रही है। जिससे व्यापारियों का व्यापाक विरोध प्रर्शित हो रहा था। नेशनल हाकर्स फैडरेशन के बड़ी संख्या में हाकर्स ने भी व्यापारियों के धरने में शामिल होते हुए अपने सिरे पर सब्जी एवं फल आदि कि टोकरियाँ रखी हुई थी। लेकिन वहाँ पर कोई ग्राहक नहीं था जो यह दर्शाता है कि विदेशी कम्पनियों के आने के बाद देश के लाखों हाकर्स भी बेरोज़गार हो जाएंगे धरने का नेतृत्व कैट के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री बी.सी.भरतिया ने किया।
धरने में जंतर-मंतर पर व्यापारियों ने एक विरोध धरना दिया जिसमें व्यापारी एफ.डी.आई. के खिलाफ नारे लगा रहे थे और ”खुदरा बाजार में विदेशी निवेश - गुलाम बनेगा अपना देश“, ”विदेशी कम्पनियाॅं आएगी-मंहगाई दहेज में लाएगी“, ”हम सामान बेचते है-सम्मान नहीं“, ”रिटेल व्यापार में एफडीआई- वापिस लो, वापिस लो“ जैसे नारों की तख्तियाॅं व्यापारियों ने अपने हाथो में पकड़ी हुई थी। कन्फैडरेशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष बी.सी.भरतिया तथा राष्ट्रीय महामंत्री श्री प्रवीन खण्डेलवाल ने बताया कि कल नई दिल्ली में हुई देशभर केव्यापारी नेताओं की बैठक में रिटेल व्यापार में एफ.डी.आई के खिलाफ राष्ट्रव्यापी आन्दोलन को और तेजी से चलाया जाएगा। बैठक में यह भी निर्णय हुआ कि इस आन्दोलन में किसानों, हाकर्स, टेªड यूनियन, ट्राँसपोर्टर, स्वरोजगार करने वाले लोग तथा रिटेल व्यापार से जूडे़ अन्य वर्गो के संगठनों साथ लेकर आन्दोलन को व्यापक रूप दिया जाएगा। उन्होंने आगामी 3 महीने की रणनीति का खुलासा करते हुए बताया कि 1 अक्टूबर, 2012 तक देशभर में व्यापारी “मिलये अपने सांसद और विध्ाायक से।” अभियान चलाया जाएगा जिसमें उनकों ज्ञापन सोंपे जाएंगे उधर दूसरी ओर राष्ट्रपिता महात्मागाँधी जी के जन्मदिवस 2 अक्टूबर को
देशभर में व्यापारी “सदबुद्धि दिवस” के रूप में मनाएंगें और अपने-अपने शहरों में गाँधीजी की प्रतिमा पर एकत्रित होकर सरकार को सदबुद्धि देने की प्रार्थना करेंगे। दशहरे से एक दिन पूर्व 23 अक्टूबर को देशभर में एफ.डी.आई. रूपी रावण के पुतले का दहन किया जाएगा। श्री भरतिया एवं श्री खण्डेलवाल ने बताया कि नवम्बर महीने को “राष्ट्रीय जागरण मास” के रूप मनाते हुए देशभर में सेमीनार, वर्कशाप, मार्कीटों
में व्यापारीयों की बैठक, विरोध मार्च, धरने एवं प्रदर्शन आयोजित किए जाएंगें। जिसके द्वारा लोगो को बताया जाएगा कि किस प्रकार बहुराष्ट्रीयकम्पनियाँ देश की अर्थव्यवस्था और रिटेल व्यापार के लिए घातक होंगी।
उन्होंने यह भी बताया की इस मुद्दे पर नई दिल्ली में एक महारैली करने का भी निर्णय लिया गया है जिसमें रिटेल व्यापार से जूडे़ सभी वर्गशामिल होंगे। रैली की तारीख तय करने एवं आन्दोलन में सहभागिता को लेकर व्यापारियों, किसानों, हाकर्स, ट्राँसपोर्टर, तथा अन्य वर्गाे कीएक बैठक आगामी 9 अक्टूबर को नई दिल्ली में होगी। उन्होंने यह भी बताया कि आगामी 3 महीने में सभी राज्यों में राज्य स्तरीय सम्मेलन होंगे व्यापारी प्रतिनिधि मंडल देश के सभी राज्यों के मुख्यमंत्री तथा काॅग्रेस सहित सभी राजनैतिक दलों के प्रमुख नेताओं से मिलकर ज्ञापन देते हुए इस मुद्दे पर समर्थन का आग्रह करेंगे। उन्होंने यह भी बताया कि संसद के शीतशत्र में जिस दिन भी किसी भी दल द्वारा इस मुद्दे पर कोई प्रस्ताव लाया जाएगा उस दिन देशभर में व्यापारी
विरोध मार्च करेंगे। व्यापारी नेताओं ने कुछ काॅग्रेसी नेताओं द्वारा व्यापारियों को एक राजनैतिक दल से संबंधित होने के वक्तवय पर गहरीआपति जताई है। उन्होंने स्पष्ट करते हुए कहा कि व्यापारियों के मुद्दे विशुद्ध रूप से गैर राजनैतिक है और व्यापारियों पर किसी प्रकार काआरोप लगाने का अधिकार किसी को नहीं है। कन्फैडरेशन की नेशनल गर्वनिंग काँउसिल की अगली बैठक 16-17 दिसम्बर को जयपूर का जाएगा लेकर अगले वर्ष की रणनीति तय कि जाएगी।

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