मासूम के इलाज को विधायक ने बढ़ाया हाथ
लाचार सिमरन को इलाज के वास्ते लिया गोद, करायेंगे प्लास्टिक सर्जरी
चन्दौली ब्यूरो। ऐसे दौर में जब राजनेताओं के चरित्र व कार्यप्रणाली पर आम आदमी प्रश्न चिन्ह लगाने से नहीं चूक रहा हो अगर कोई नेता राजनीति से इतर कदम उठाये तो सराहनीय पहल माना जाये तो गलत न होगा। सकलडीहा निवासी मु0 इसरार उर्फ गुड्डू के घर षनिवार का दिन बकरीद व दीपावली की खुषियां साथ लेकर आया। क्योंकि विगत दस साल पूर्व आग की चपेट में आ जाने की वजह से उनकी 11 साल की बच्ची सिमरन काफी जल चुकी है जिसके इलाज का बीडा सैयदराजा विधायक मनोज कुमार सिंह डब्लू ने उठा लिया है।
सिमरन को गोद में लिए सैयदराजा विधायक मनोज कुमार सिंह डब्लू। |
नवरात्र के पवित्र माह में जहां कन्यओं की पूजा की जाती है, नौ दिनों तक व्रत रहने के बाद बालिकाओं को भोजन कराकर लोग खुद के व्रत का तारण करते हैं। कुछ इसी भावना से ओतप्रोत होकर विधायक मनोज सिंह ने ऐसी गरीब बच्ची को गोद लेकर नया जीवन देने का संकल्प लिया है जो बचपन में ही आग की लपटों में जलकर चलने के काबिल नहीं रही। बात 19 सितंबर 2002 की है रात में सोते वक्त मु0 इसरार के घर लैम्प के गिरने से आग लग गयी। आग में गिरहस्ती के साथ इसरार की दो बच्चीयां बुरी तरह जल गयीं। एक बच्ची ने तो सप्ताह भर के अन्दर ही दम तो दिया मगर दूसरी बच्ची जो सिर्फ आठ माह की थी आग से बुरी तरह जल गयी। आग ने उसके मुस्तकबिल को ही चैपट कर दिया। षरीर का बायां हिस्सा जल कर सिकुड गया। उसे नित्य क्रिया में भी परिवार का सहारा चाहिए। इसरार ने इलाज के लिए बहुत हाथ पैर मारा मगर महंगाई के दौर में सिलाई करके परिवार चलाना ही मुष्किल है सो थक कर हार मान गया।
इसरार बताते हैं कि बात ’’यह इत्तफाक ही है कि एक रोज विधायक जी इधर से गुजर रहें थे मैं कपडा सिल रहा था। मैने उन्हे सलाम किया और वे रूक गयें, बच्ची को देखकर उसे प्यार से गले लगा लिया और मुझसे पूछा कि कैसे ये हाल हो गया। मैने वकया बताया और रो पडा। तब से विधायक जी ने हमें आष्वासन दिया कि मै इसे गोद लेकर पूरा इलाज कराउंगा। आज इन्होने मेरी बेटी को गोद लिया है इलाज कराने के वास्ते।’’ इस बाबत विधायक मनोज सिंह का कहना हैं कि ’’नवरात्र के पवित्र माह में किसी पीडि़त कन्या के इलाज कराने का जो सौभग्य ईष्वर ने दिया है उसे मैं अपने पुर्वजन्म के अच्छे कर्म को ही आधार मानता हूं। सिमरन को नई जिन्दगी देने का पूरा प्रयास करूंगा। इसके लिए जो भी खर्च करना होगा मैं खुद वहन करूंगा। बीएचयू में बात किया हूं जरूरत पडी तो प्लास्टिक सर्जरी के लिए हैदराबाद ले जाउंगा।
विधायक के इस पहल से लोगों में खुषी व्याप्त है। इसकी सराहना चहुंओर है। लोगों का मानना है कि आमजन के दुःख-सुख का भागीदार बनने वाले जनप्रतिनिधिनि की समाज को जरूरत है।
कौन कहता है आसमां में सुराख नहीं हो सकता, एक पत्थर तो तबियत से उछालो यारों।
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